श्री बिलट पासवान “विहंगम” जीक जन्म मधुबनी जिलाक एकहत्था ग्राममे १९४० ई. मे भेलन्हि। छात्रावस्थासँ राजनीति एवं साहित्य दुनूमे अभिरुचि रहलन्हि अछि।
Monday 14 November 2022
डॉ. प्रेमशंकर सिंह
डॉ. प्रेमशंकर सिंह (१९४२- ) ग्राम+पोस्ट- जोगियारा, थाना- जाले, जिला- दरभंगा। मैथिलीक वरिष्ठ सृजनशील, मननशील आऽ अध्ययनशील प्रतिभाक धनी साहित्य-चिन्तक, दिशा-बोधक, समालोचक, नाटक ओ रंगमंचक निष्णात गवेषक, मैथिली गद्यकेँ नव-स्वरूप देनिहार, कुशल अनुवादक, प्रवीण सम्पादक, मैथिली, हिन्दी, संस्कृत साहित्यक प्रखर विद्वान् तथा बाङला एवं अंग्रेजी साहित्यक अध्ययन-अन्वेषणमे निरत प्रोफेसर डॉ. प्रेमशंकर सिंह ( २० जनवरी १९४२ )क विलक्षण लेखनीसँ एकपर एक अक्षय कृति भेल अछि निःसृत।
मायानन्द मिश्र
मायानन्द मिश्रक हिनक जन्म १७ अगस्त १९३४ ई. केँ सुपौल जिलाक बनैनियाँ गाममे भेलनि। तत्कालीन बनैनियाँ कोसीक प्रकोपसँ उजड़ि गेल। फलतः हिनक आरम्भिक शिक्षा अपन मामा स्व. रामकृष्ण झा “किसुन” क सान्निध्यमे सुपौलसँ भेलनि। उच्च शिक्षाक हेतु ई दरभंगा चलि गेलाह आऽ ओतएसँ बी.ए. कएल। पश्चात् बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुरसँ हिन्दी एवं मैथिलीमे एम.ए. कएलनि। १९५६ ई. मे आकाशवाणी पटनामे मैथिली कार्यक्रमक लेल नियुक्त भेलाह। एहि अवधिमे
गोपालजी झा “गोपेश”
स्व. श्री गोपालजी झा “गोपेश” क जन्म मधुबनी जिलाक मेहथ गाममे १९३१ ई.मे भेलन्हि। गोपेशजी बिहार सरकारक राजभाषा विभागसँ सेवानिवृत्त भेल छलाह। गोपेशजी कविता, एकांकी आऽ लघुकथा लिखबामे अभिरुचि छलन्हि। ई विभिन्न विधामे रचन कए मैथिलीक सेवा कएलन्हि।
राजकमल
स्व. राजकमल (मणीन्द्र नारायण चौधरी) (१९२९-१९६७), महिषी, सहरसा।
रचना:- आदि कथा, आन्दोलन, पाथर फूल (उपन्यास), स्वरगंधा (कविता संग्रह), ललका पाग (कथा संग्रह), कथा पराग (कथा संग्रह सम्पादन)।
रामाश्रय झा “रामरग”
रामाश्रय झा “रामरग” (१९२८-२००९ ) विद्वान, वागयकार, शिक्षक आऽ मंच सम्पादक छथि।
भारतीय शास्त्रीय संगीतक समर्पित आऽ विलक्षण ओऽ विख्यात संगीतज्ञ पं रामाश्रय झा ’रामरंग’ केर जन्म ११ अगस्त १९२८ ई. तदनुसारभाद्र कृष्णपक्ष एकादशी तिथिकेँ मधुबनी जिलान्तर्गत खजुरा नामक गाममे भेलन्हि। हिनकर पिताक नाम पं सुखदेव झा आऽ काकाक नाम पं मधुसदन झा छन्हि।
वैद्यनाथ मिश्र “यात्री
स्व. श्री वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” (१९११-१९९८)
स्व. श्री वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” केर जन्म १९११ ई. मे अपन मामागाम सतलखामे भेलन्हि, जे हुनकर गाम तरौनीक समीपहिमे अछि। यात्री जी अपन गामक संस्कृत पाठशालामे पढ़ए लगलाह, फेर ओऽ पढ़बाक लेल वाराणसी आऽ कलकत्ता सेहो गेलाह आऽ संस्कृतमे “साहित्य आचार्य” केर उपाधि प्राप्त कएलन्हि। तकर बाद ओऽ कोलम्बो लग कलनिआ स्थान गेलाह पाली आऽ बुद्ध धर्मक अध्ययनक लेल। ओतए ओऽ बुद्धधर्ममे दीक्षित भए गेलाह आऽ हुनकर नाम पड़लन्हि नागार्जुन।
हरिमोहन झा
स्व. श्री हरिमोहन झा (१९०८-१९८४)
जन्म १८ सितम्बर १९०८ ई. ग्राम+पो.- कुमर बाजितपुर, जिला- वैशाली, बिहार। पिता- स्वर्गीय पं. जनार्दन झा “जनसीदन” मैथिलीक अतिरिक्त हिन्दीक लब्धप्रतिष्ठ द्विवेदीयुगीन कवि-साहित्यकार।
महाकवि विद्यापति ठाकुर
विद्यापति ठक्कुरः 1350-1435 विषएवार बिस्फी-काश्यप (राजा शिवसिंहक दरबारी) आ संस्कृत आ अवहट्ठ लेखक।
कीर्तिलता, कीर्तिपताका, पुरुष परीक्षा, गोरक्षविजय, लिखनावली आदि ग्रंथ समेत विपुल संख्यामे कालजयी रचना।
कवीश्वर ज्योतिरीश्वर
कवीश्वर ज्योतिरीश्वर (लगभग १२७५-१३५०) सँ पूर्व (कारण ज्योतिरीश्वरक ग्रन्थमे हिनक चर्च अछि), मैथिलीक आदि कवि। संस्कृत आ अवहट्ठक विद्यापति ठक्कुरःसँ भिन्न। सम्भवतः बिस्फी गामक बार्बर कास्टक श्री महेश ठाकुरक पुत्र।
मैथिल पत्रकर ग्रुप द्वारा दिल्ली मे भेल मिथिला महोत्सव आओर मैथिली साहित्य महोत्सव
दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मे शनि दिन, 12 नवम्बर के मिथिला महोत्सव-6 आ मैथिली साहित्य महोत्सव-3 के आयोजन भेल। मैथिल पत्रकर ग्रुप द्वारा प्रेस एसोसिएशन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया आ ओखला प्रेस क्लब के सहयोग स एहि कार्यक्रम केर आयोजन कएल गेल। आयोजनक शुरुआत मैथिली साहित्य महोत्सव ३ सं भेल। एहि मे ‘हवाई जहाज दरभंगा पहुँचला पर मिथिलाक विकास केँ कतेक पाँखि भेटल’ आ ‘प्रवासी मैथिल राजनीतिक रूप सँ समृद्ध किएक नहि छथि’ विषय
मैथिल पुत्र ‘प्रभात’ कहियो ‘अस्त’ नहि हेताह- डॉ. विनीत उत्पल
मैथिल पुत्र प्रभात झा नहि रहलाह। हुनकर देहावसान सँ मिथिलाक की क्षति भेल अछि, ओकर पूर्ति करब असंभव अछि. प्रभात झा मतलब एकटा इनसाइक्लोपीडिया,...
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मिथिला न्यूज मे अहांक स्वागत अछि.
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दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मे शनि दिन, 12 नवम्बर के मिथिला महोत्सव-6 आ मैथिली साहित्य महोत्सव-3 के आयोजन भेल। मैथिल पत्रकर ग्रुप द्वारा ...
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