الاثنين، 14 نوفمبر 2022

राजकमल

स्व. राजकमल (मणीन्द्र नारायण चौधरी) (१९२९-१९६७), महिषी, सहरसा।
रचना:- आदि कथा, आन्दोलन, पाथर फूल (उपन्यास), स्वरगंधा (कविता संग्रह), ललका पाग (कथा संग्रह), कथा पराग (कथा संग्रह सम्पादन)।


हिन्दीमे अनेक उपन्यास, कविताक रचना, चौरङ्गी (बङला उपन्यासक हिन्दी रूपान्तर) अत्यन्त प्रसिद्ध।
मिथिलांचलक मध्य वर्गक आर्थिक एवं सामाजिक संघर्षमे बाधक सभ तरहक संस्कार पर प्रहार करब हिनक वैशिष्ट्य रहलन्हि अछि। कथा, कविता, उपन्यास सभ विधामे ई नवीन विचार धाराक छाप छोड़ि गेल छथि।

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق

बिलट पासवान “विहंगम”

श्री बिलट पासवान “विहंगम” जीक जन्म मधुबनी जिलाक एकहत्था ग्राममे १९४० ई. मे भेलन्हि। छात्रावस्थासँ राजनीति एवं साहित्य दुनूमे अभिरुचि रहलन्हि...